Friday 18 March 2011

ETERNAL DIAMONDS

      .अन्दर का गलेगा,तभी ईश्वर मिलेगा. दान से आत्मा निर्मल बनती है.

  • गुरु का अनुसरण करें, न कि अनुकरण.
  • ईश्वर हर जगह  है,मगर प्रेम एवं भक्ति के बिना इसे कोई देख नहीं पता.
  • मानव जन्म   तो सुलभ है ,परन्तु मानवता दुर्लभ है.
  • गुरु का प्रेम सांसारिक बन्धनों से मुक्त करता है, जगत का प्रेम अंततः दुखदायी है.
  • जगत एक सपना है,इसलिए मंजिल तक शीघ्र पहुँचो.
  • जीवन स्वतः प्रवाहमान है,हम सभी दर्शक मात्र हैं
  • हमारे जीवन का सूरज एक दिन अस्त हो जायेगा.
  • बहिर्जगत में भ्रम है,अंतर्जगत में सत्य है.
  • ईश्वर प्रदत्त कर्म को शीघ्र पूर्ण करो, क्योंकि शरीर वापस ले लिया इएगा.
  • गुरु व्यक्ति नहीं ,एक सर्वव्यापी आनंदमयी चेतना है.
  • गुरु भवसागर का मांझी है ,खेवैय्या भी है,श्रद्धा रखो,वही जीवन नैय्या पार उतारेगा.
  • शरीर सीमित है,ह्रदय असीमित.
  • ज्ञान  कभी पूर्ण नहीं हो सकता है.
  • सम्प्रति शिक्षा को विद्या की आवश्यकता है.
  • अतीत बीत चूका है,भविष्य अनिशचित है,वर्तमान में जियो.
  • काल सदैव एक सामान नहीं रहता ,सुख दुःख भी परिवर्तनशील है.
  • सभी सम्बन्ध मायिक और क्षणभंगुर है.
  • हमलोग ईश्वर के ही अंश हैं,इसलिए संसार में मन नहीं लगता.
                                                         ---हिमालय का योगी.

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