.अन्दर का गलेगा,तभी ईश्वर मिलेगा. दान से आत्मा निर्मल बनती है.
- गुरु का अनुसरण करें, न कि अनुकरण.
- ईश्वर हर जगह है,मगर प्रेम एवं भक्ति के बिना इसे कोई देख नहीं पता.
- मानव जन्म तो सुलभ है ,परन्तु मानवता दुर्लभ है.
- गुरु का प्रेम सांसारिक बन्धनों से मुक्त करता है, जगत का प्रेम अंततः दुखदायी है.
- जगत एक सपना है,इसलिए मंजिल तक शीघ्र पहुँचो.
- जीवन स्वतः प्रवाहमान है,हम सभी दर्शक मात्र हैं
- हमारे जीवन का सूरज एक दिन अस्त हो जायेगा.
- बहिर्जगत में भ्रम है,अंतर्जगत में सत्य है.
- ईश्वर प्रदत्त कर्म को शीघ्र पूर्ण करो, क्योंकि शरीर वापस ले लिया इएगा.
- गुरु व्यक्ति नहीं ,एक सर्वव्यापी आनंदमयी चेतना है.
- गुरु भवसागर का मांझी है ,खेवैय्या भी है,श्रद्धा रखो,वही जीवन नैय्या पार उतारेगा.
- शरीर सीमित है,ह्रदय असीमित.
- ज्ञान कभी पूर्ण नहीं हो सकता है.
- सम्प्रति शिक्षा को विद्या की आवश्यकता है.
- अतीत बीत चूका है,भविष्य अनिशचित है,वर्तमान में जियो.
- काल सदैव एक सामान नहीं रहता ,सुख दुःख भी परिवर्तनशील है.
- सभी सम्बन्ध मायिक और क्षणभंगुर है.
- हमलोग ईश्वर के ही अंश हैं,इसलिए संसार में मन नहीं लगता.
---हिमालय का योगी.